बैक्टीरिया से लड़ाई में कारगर होगा मिट्टी से तलाशा गया नया एंटीबायोटिक
सेहतराग टीम
मिट्टी के हजारों नमूनों की जांच करने के बाद वैज्ञानिकों ने अब एक बिलकुल नए एंटीबायोटिक समूह की खोज की है जो ड्रग रेसिस्टेंट हो चुके बैक्टीरिया के खिलाफ असरदार साबित होगा। इस नए केमकिल, जिसे मेलासिडीन नाम दिया गया है, मनुष्य पर नॉन टॉक्सिक यानी गैर जहरीला और हॉस्पीटल सुपरबग एमआरएसए (ऐसा बैक्टीरिया जो अस्पताल में इलाज के दौरान इंसानों को संक्रमित करता है और जिसपर पुराने एंटीबायोटिक्टस का कोई असर नहीं होता) के इलाज में प्रभावशाली पाया गया है। इससे भविष्य में नए तरह के इलाज का विकास होने की उम्मीद जग गई है।
सबसे बड़ा खतरा
वैज्ञानिकों का कहना है कि एंटीमाइक्रोबियल रेसिस्टेंस यानी बीमारी पर दवाओं का बेअसर होते जाना इंसानी सभ्यता के सामने मौजूद सबसे बड़े खतरों में से एक है। ऐसे में नए एंटीबायोटिक्स की खोज करते रहना बैक्टीरिया के साथ लड़ाई में एक कदम आगे बने रहने के लिए जरूरी है मगर स्थिति ये है कि पिछले 33 सालों से वैज्ञानिक सिर्फ एक नया एंटीबायोटिक समूह टिक्सोबैक्टीन ही खोज पाए हैं जिसके कारण कई बैक्टीरिया पर पुरानी दवाएं बेअसर होने लगी हैं।
कहां हुई खोज
इस नई खोज का श्रेय अमेरिका की रॉकफेलर यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं को जाता है। ब्रिटेन के मॉलीक्यूलर बायोलॉजिस्ट डॉक्टर ल्यूक एल्डरवीक ने ब्रिटिश अखबार इंडिपेंडेट को बताया कि अमेरिकी शोध टीम ने इसे नए एंटीबायोटिक का नया समूह करार दिया है जो कि बिलकुल सही है। इसका परिणाम ये होगा कि बैक्टीरिया को अब इसके खिलाफ रेसिस्टेंस विकसित करने का समय नहीं मिलेगा।
नई तकनीक का साथ
नए एंटीबायोटिक्स की खोज को तेज गति से विकसित होती तकनीकी सुविधाओं का साथ भी मिल रहा है क्योंकि अब अलग-अलग मिट्टी के डीएनए की जांच ज्यादा तेजी से हो जाती है जो कि पहले मुश्किल होती थी। नए ऑगेनिज्म की खोज के लिए मिट्टी एक अच्छी जगह है जहां बैक्टीरिया अपने संसाधन के लिए प्रतिस्पर्धा करते हैं और एक-दूसरे को समाप्त करने के लिए केमिकल कंपाउंड का इस्तेमाल करते हैं।
भविष्य की क्या संभावनाएं
नई खोज को लेकर कुछ लिमिटेशंस भी बताई जा रही हैं। ये खोज करने वाली न्यूयॉर्क की रॉकफेलर यूनिवर्सिटी के डॉक्टर सीन ब्रैडी और उनकी टीम के अनुसार नया एंटीबायोटिक बैक्टीरिया के एक ही समूह के खिलाफ कारगर पाया गया है जिसे ग्राम पॉजिटिव्स कहा जाता है और हॉस्पीटल सुपरबग एमआरएसए इसी समूह का बैक्टीरिया है। हालांकि डॉक्टर सीन ने अपनी खोज के बारे में नेचर माइक्रोबॉयोलॉजी जर्नल में छपे प्रपत्र में यह भी लिखा है कि मेलासिडीन जैसे और भी कंपाउंड की खोज निकट भविष्य में की जा सकती है। ये भी एक उम्मीद भरी बात है कि पिछले 33 सालों में किसी नए एंटीबायोटिक टैक्सोबैक्टिम की खोज 2015 में हुई और इसके दो साल बाद ही अब नए एंटीबायोटिक समूह की खोज हो गई है। ऐसे में बैक्टीरिया के खिलाफ लड़ाई अब शायद तेजी पकड़ ले।
http://www.independent.co.uk से साभार
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